जन्म-राशि और व्यक्तित्व (तुला-राशि).
इस राशि का स्वामी “शुक्र” ग्रह है. शुक्र ऐश्वर्यशाली व विलासपूर्ण ग्रह होता है. इस राशि का तत्व वायु व स्वरुप चर(चलायमान), रजोगुण प्रधान, त्रिधातु प्रकृति होती है. पश्चिम दिशा की स्वामिनी है. इसका प्राकृतिक स्वभाव वृष तुल्य होते हुए भी विशेषतः इस राशि वाले विचारशील, ज्ञानप्रिय कुशल होते है.
इस राशि के लोग संतुलित शरीर के सुन्दर, आकर्षक और देखने में शानदार होते है. मध्यम कद के गठे हुए शरीर के तथा खिलते हुए सांवले-सलोने रंग के अधिकतर होते है. इनके बाल घुंघराले व सघन पाए जाते है. चमकदार आँखे विशेष पहचान होती है.चौड़ा मुख, चौड़ी छाती, बड़ी नाक, ललाट चौड़ा-चमकता हुआ तथा इन्हें सदैव प्रसन्नचित एवं मुस्कराते देखा जा सकता है.
इस राशि के लोग संतुलित दिमाग के व सोच विचार के कार्य करने वाले होते है. यदि यह किसी की आलोचना भी करेंगे तो रचनात्मक ढंग से करेंगे. इन्हें सुखद और मेल जोल का जीवन पसंद आता है. इस राशि वालों का गुस्सा ज्यादा देर तक नहीं हो पाता है.इस राशि वालों का बौद्धिक स्तर काफी ऊंचा होता है. इनकी कल्पना शक्ति बहुत ही अच्छी होती है. दूसरे के मन की थाह कैसे ली जा सकती है, ये बहुत अच्छी तरह से जानते है. किन्तु अपने मन की बात किसी को भी नहीं बताते है. उचित व जल्दी निर्णय लेना इनकी प्रमुख विशेषता होती है. कई बार छोटी से छोटी बात भी इनके मस्तिष्क को बैचेन कर देती है. भले ही ये साधनविहीन हों, किन्तु इनके लक्ष्य सदा ही ऊँचे होते है. इंसानियत इनके चरित्र का अंग होती है. झूठी शान दिखाना इन लोगो को अच्छा नहीं लगता है.
तुला राशि वाले लोग ईश्वर भक्त, देव गुरु, अतिथि पूजक, कृपालु परोपकारी होते है. इनका ह्रदय शीघ्र द्रवित होने लगता है.इन्हें सत्यवादी तथा पुण्यात्मा कहा जा सकता है.
ऐसे लोगों का रुझान न्याय एवं अनुशासन के प्रति अधिक होता है. इस राशि वाले कुशल व्यापारी, लोक व्यवहार में चतुर, कला तथा सौंदर्य प्रसाधन, सुन्दर वस्त्र, कलात्मक सजावट, राजनीति इन सबमें यह माहिर व अच्छे सुलझे व्यापारी होते है.
वकील, जज, आर्किटेक्ट, संपादन, लेखन, साहित्य इनके मनपसंद व्यवसाय होते है. तथा इनके लिए उपयुक्त भी रहते है.
इन्हें अनैतिकता, फूहड़पन, अव्यवस्था, अन्याय, अविचार, दिखावा बिलकुल भी पसंद नहीं होता है. यह संतुलित जीवन के प्रेमी होते है. यह चतुर नीतिज्ञ तथा यश-अपयश, हानि-लाभ, जय-पराजय के बारे में खुद सोच विचार करते है व समझते है. मन में किसी भी तरह का भेदभाव नहीं रखते है.
इनका विवाह के बाद भाग्य उदय होने लगता है. वैवाहिक जीवन सुखमय व शांतिपूर्वक व्यतीत करने में सक्षम होते है. इनका शांतिप्रिय व्यवहार व हास्य प्रवृति सबको मोह लेती है. इन्हें अपना घर संपत्ति प्यारी होती है. तुला लग्न की लड़कियां बुद्धिमान सुन्दर और चतुर होती है. जीवन साथी से बहुत प्यार करती है.
प्रेम के मामले में वव्यव्हारिक, स्थिर, तथा गंभीर होते है. जिससे प्रेम करते है, उस पर सब कुछ न्यौछावर करने को तत्पर रहते है.
विदेश और समुंद्री यात्रा इनके लिए विशेष लाभप्रद होती है, इनकी सफलता का रहस्य सौम्य चेहरा सुडोल, विनम्र व गंभीर वाणी व सम्मोहक व्यक्तित्व होता है.
तुला राशि वालों का भाग्योदय:- 25वें वर्ष होता देखा गया है. इनके जीवन का 34, 43, 52, 61, 70 एवं 79वां वर्ष अत्यंत महत्वपूर्ण होता है.
मित्र राशियां:- मिथुन, कुम्भ, मकर, धनु, कर्क,
शत्रु राशि:- सिंह,
राशि रत्न:- हीरा,
अनुकूल रंग:- क्रीम, सफेद, नीला,
नाम अक्षर:- रा, री, रु, रे, रो, ता, ती, तू, ते,
व्यक्तित्व:- खोजी, अन्वेषक, मास्टर माइन्ड,
सकारात्मक तथ्य:- आत्मविश्वासी, आकर्षक वाणी,
नकारात्मक तथ्य:- घमण्ड, ईर्ष्या,
व्रत उपवास:- शुक्रवार,
इस राशि के लोग अपनी राशि का रत्न “हीरा” यदि पन्ना या नीलम के साथ धारण करे तो, जीवन में सुख ऐश्वर्य प्राप्त कर सकते है.
शुभमस्तु !!
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